यह अपमान हमारा है।
लूटी है एक बेटी तो लूटा सम्मान हमारा है।
औरत समाज की किस्मत है।
फिर भी किस्मत की मारी है।
औरत आज भी जिंदा जलती है।
फिर भी कहलाती वो कुर्बानी है।
लूट कर एक बेटी की इज्जत हैवानो तुम्हें नींद कैसे आई होगी तड़पा कर एक फूल जैसी बेटी तुमने अपने घर की माँ बहनों से नजरे कैसे मिलाई होगी।
इस हैवानियत के ज़मानें में कहाँ बेटियां महफूज़ है?
जहाँ बेटियो को देवी समझा जाता है। वही दूसरी तरफ बेटिया कुछ हैवानों की हवस का शिकार हो जाती हैं।
हैदराबाद में एक 26 साल की लड़की प्रियंका रेड्डी के साथ रेप किया गया और उसे बड़ी बेरहमी के साथ जिंदा जला दिया गया।
पहले निर्भया उसके बाद ट्विंकल फिर आसिफा और अब प्रियंका।
बीच सड़क पर अगर रेप हो सकता है तो फांसी क्यों नही?
जब तक देश में बल्तकारियों को बीच सड़क पे फांसी नही दी जाएगी। तब तक देश में ऐसे ही दरिन्दे बहन, बेटियो का रेप करते रहेंगे।
क्या लड़कियों को इंसाफ नही मिलेगा?
क्या लड़कियां युही दुख दर्द झेलती रहेंगी?
आखिर कब तक ऐसा ही चलता रहेगा?
कब सजा मिलेगी इन हत्यारों को?
कब सजा मिलेगी इन हत्यारों को?