Wednesday, January 13, 2021

राजस्थानी मकर संक्रांति

मकर सक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है.  राजस्थान में मकर सक्रांति को उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. मकर सक्रांति के दिन पतंग उत्सव का आयोजन भी किया जाता है. मकर सक्रांति पूरे भारत में किसी ना किसी रूप में मनाई जाती है लेकिन सिर्फ भारत ही नहीं नेपाल में भी इस त्यौहार को मनाया जाता है दक्षिण भारत में मकर सक्रांति को पोंगल के नाम से जाना जाता है . 

पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है.  वर्तमान समय में यह त्योहार जनवरी महीने के चौदवे या पन्द्रवे दिन पड़ता है. इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है. 

यह भारतवर्ष और नेपाल के सभी प्रांतों में अलग-अलग नाम व रीति-रिवाजों द्वारा भक्ति एवं उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है.

मकर सक्रांति राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है. मकर सक्रांति पर सबसे पहले बाजरे को कूट कर उसका खीचड़ा बनाया जाता है. उसके बाद अंगारी पर बाजरे का खीचड़ा, तिली का तेल और तिल के लड्डुओं से भोग लगा कर संक्रांति पूजी जाती है. इसके अलावा घरों में दाल के पकौड़े ओर तिल की मिठाइयां बनाई जाती है। साथ ही कच्ची मूंग दाल, कच्चे चावल, घी, नमक व हल्दी मंदिर मे दी जाती है. मूंग दाल की खिचड़ी और घर घर जाकर गजक रेवड़ी व मूंगफली बांटी जाती है। साथ ही 14 चीजें सुहागन महिलाओं में बांटी जाती है.  राजस्थान में मकर सक्रांति का पर्व  सुहागन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन सभी सुहागन महिलाएं पूरे  साज  श्रृंगार  के साथ अपनी सास को वायना देकर उनका आशीर्वाद लेती है. और इस दिन महिला द्वारा  किसी भी सौभाग्य सूचक वस्तु का चौदह की संख्या में पूजन व संकल्प कर चौदह ब्राह्मणों को दान देने की भी प्रथा है.
इसके अलावा इस त्यौहार को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. सुबह-सुबह कई लोग नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं और उगते सूर्य की पूजा करते हैं.  माना जाता है कि पवित्र नदी में डुबकी लगाने  के  बहुत महत्व है  और साथ ही कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर हमें गरीबों और जरूरतमंद लोगों को चावल, मक्का और कपडो का दान भी करना चाहिए.
प्रत्येक 5 वर्षों में राजस्थान सरकार द्वारा पतंग महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है. 

इस त्योहार पर पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं.  लोग मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाते हैं क्योंकि उन्हें सूर्य के संपर्क में आने का लाभ मिलता है.

इस दिन जयपुर के एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान गलताजी में पवित्र स्नान करके लोग सूर्य भगवान से अच्छे स्वास्थ्य, धन और अच्छे अवसरों की प्रार्थना करते हैं.